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Republic Day 2019: Essay, Speech, Parade, History of India: Blog

Republic Day 2019: Essay Blog.

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Republic Day 2019 की Speech बहुत ही शानदार होने वाली है, Republic Day की Speech, Parade, and History जानने के लिए पढ़े True News India का Essay Blog.

15 अगस्त 1947 को भारत देश स्वतंत्र हुआ और 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन के बाद 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान आत्मसात किया गया था, जिसे आज हम 26 जनवरी (26th January) या गणतंत्र दिवस (Republic Day) के नाम से जानते है.

भारत के संविधान (Indian Constitution) में भारत को एक लोकतांत्रिक, संप्रभु तथा गणतंत्र देश घोषित किया गया। दरसल भारत की स्वतंत्रता के बाद संविधान सभा की बैठक में घोषणा हुई थी और इस बैठक में संविधान सभा के सभी मेंबर्स ने अपना कार्य 9 दिसम्बर 1947 से शुरू कर दिया था। इस संविधान सभा के सभी सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। संविधान सभा के सदस्य डॉ० भीमराव आंबेडकर, (Bhimrao Ambedkar) जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) डॉ राजेन्द्र प्रसाद, (Dr. Rajendra Prasad) लौह पुरुष (Iron Man) सरदार वल्लभ भाई पटेल, (Sardar Vallabhbhai Patel) मौलाना अबुल कलाम आजाद (Maulana Babul Kalam Azad) आदि संविधान सभा के प्रमुख सदस्य थे।

संविधान निर्माण में कुल 22 समितीयां थी। इस समिति का कार्य संपूर्ण ‘संविधान लिखना’ या ‘निर्माण करना’ था। प्रारूप समिति के अध्यक्ष विधिवेत्ता डॉ० भीमराव आंबेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) थे, प्रारूप समिति ने और उसमें विशेष रूप से डॉ. आंबेडकर जी ने 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में भारतीय संविधान का निर्माण किया और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवम्बर 1949 को भारत का संविधान सुपूर्द किया, इसलिए 26 नवम्बर दिवस को भारत में संविधान दिवस के रूप में प्रति वर्ष मनाया जाता है।

अनेक सुधारों और बदलावों के बाद सभा के 308 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर किये। इसके दो दिन बाद संविधान 26 जनवरी को यह देश भर में लागू कर दिया गया था जो आज तक लागू है। 26 जनवरी का महत्व बनाए रखने के लिए इसी दिन संविधान निर्मात्री सभा (Constitution Assembly) द्वारा स्वीकृत संविधान में भारत के गणतंत्र स्वरूप को मान्यता प्रदान की गई

Video Credit: Speakingtree.in

26 जनवरी 1950 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति (First President of India) डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद (Dr. Rajendra Prasad) ने 21 तोपों की सलामी के साथ झंडावंदन कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया।  यह ऐतिहासिक क्षणों में गिना जाने वाला समय था। इसके बाद से हर वर्ष इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है तथा इस दिन देशभर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है।

संविधान लागू होने के बाद डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने वर्तमान संसद भवन के दरबार हॉल में राष्ट्रपति की शपथ ली थी और इसके बाद पांच मील लंबे परेड समारोह के बाद इरविन स्टेडियम में उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।

तिरंगे का इतिहास (History of Indian Flag).

प्रत्‍येक स्‍वतंत्र राष्‍ट्र (Independent State) का अपना एक ध्‍वज (Flag) होता है क्योंकि यही स्‍वतंत्र देश होने का संकेत है। भारत के राष्‍ट्रीय ध्‍वज की कल्‍पना पिंगली वैंकैयानन्‍द ने करि थी, हमारे राष्ट्रीय ध्वज को वर्तमान स्‍वरूप 22 जुलाई 1947 को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक के दौरान दिया गया था, जो 15 अगस्‍त 1947 को अंग्रेजों से भारत की स्‍वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व की गई थी। इसे 15 अगस्‍त 1947 और 26 जनवरी 1950 के बीच भारत के राष्‍ट्रीय ध्‍वज के रूप में अपनाया गया और इसके बाद भारतीय गणतंत्र ने इसे अपनाया। हमारे भारत देश में ''तिरंगे'' का अर्थ भारतीय राष्‍ट्रीय ध्‍वज (Indian National Flag) है।

26 जनवरी को मनाया जाने वाला गणतंत्र दिवस, भारत का राष्ट्रीय पर्व है। इसके अलावा 15 अगस्त (Independence Day) और 2 अक्टूबर गांधी जयंती (2nd October Gandhi Jayanti) राष्ट्रीय पर्व है। कुल मिलाकर तीन राष्ट्रीय पर्व है, 26 जनवरी राष्ट्रीय पर्व होने नाते इस दिन को हर धर्म,सम्प्रदाय, जाति के लोग बड़े हर्षोल्लास से मनाते है और ध्वजारोहण कर देश के प्रति अपनी सच्ची निष्ठा व्यक्त करते है। गांव से लेकर शहरों तक, राष्ट्रभक्ति के गीतों की गूंज सुनाई देती है और प्रत्येक भारतवासी एक बार फिर अथाह देशभक्ति से भर उठता है।



26 जनवरी के दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है। इस दिन हर सरकारी संस्थानों एवं शिक्षण संस्थानों में 26 जनवरी के अवसर पर ध्वजारोहण करने के बाद राष्ट्रगान (National Anthem of India) जन-गन-मन (Jan-Gan-Man) का गायन होता है और देशभक्ति से जुड़े विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। इन कार्यक्रमों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थ‍ियों का अध्यापकगन सम्मान एवं पुरस्कार वितरण भी किया जाता है और मिठाई वितरण कर खुशी मनाई जाती है।

भारत की राजधानी दिल्ली में गणंतंत्र दिवस पर इंडिया गेट पर विशेष परेड का आयोजन होता है। देश के प्रधानमंत्री (Prime Minister) द्वारा इंडिया गेट (India Gate) पर शहीद अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) का अभिनंदन करने के साथ ही उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाता है।

26 जनवरी के दिन विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र होती है, दिल्ली के विजय चौक से लाल किले तक होने वाली परेड (Parade) जिसमें देश की विभिन्न संस्कृतियों की झलक देखने के साथ-साथ ही ,देश की सैन्य शक्ति की भी झलक देखने को मिलती है। परेड के माध्यम से सैनिकों की शक्ति और पराक्रम को बताया जाता है, इस परेड में तीनों सेना के प्रमुख राष्ट्रीपति को सलामी दी जाती है और हमारे देश के शहीद वीर सैनिकों का सम्मान किया जाता है।

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